एक संत और गुस्से वाला व्यक्ति
एक बार एक संत अपने शिष्यों के साथ एक गाँव में पहुँचे। वहाँ उनकी लोकप्रियता देखकर एक व्यक्ति उनसे जलने लगा। उसने मन में सोचा, “मैं संत को अपमानित करूँगा और गुस्सा दिलाकर उनकी परीक्षा लूँगा।
एक दिन जब संत उपदेश दे रहे थे, वह व्यक्ति उनके पास आया और उन्हें अपशब्द कहने लगा। उसने उन्हें बुरा-भला कहा और अपमानित करने की कोशिश की। लेकिन संत शांत और स्थिर रहे, जैसे कुछ हुआ ही न हो।
वह व्यक्ति और क्रोधित होकर चिल्लाया, “तुम्हें मेरी गालियाँ सुनाई नहीं दे रहीं? मैं तुम्हें बुरा-भला कह रहा हूँ और तुम कुछ भी नहीं बोल रहे!“
संत मुस्कुराए और बड़े ही शांत स्वर में बोले, “भाई, अगर तुम किसी को कोई वस्तु दो और वह उसे न ले, तो वह वस्तु किसके पास रहेगी?”
उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, “अगर वह नहीं लेगा, तो वह वस्तु मेरे पास ही रहेगी।”
संत ने फिर कहा, “ठीक उसी प्रकार, तुम मुझे जो गालियाँ दे रहे हो, मैं उन्हें स्वीकार नहीं कर रहा। इसलिए वे तुम्हारे पास ही रहेंगी।“
यह सुनकर वह व्यक्ति हक्का-बक्का रह गया। उसे अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने संत से क्षमा माँगी।
शिक्षा:
यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें दूसरों के अपमान, गुस्से या नफरत को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए। संत ने यह दिखाया कि क्रोध का उत्तर क्रोध से नहीं, बल्कि शांति और धैर्य से देना चाहिए।
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A Sant and an angry person
Once a saint reached a village with his disciples. Seeing his popularity there, a person became jealous of him. He thought in his mind,
“I will insult the saint and test him by making him angry.
One day when the saint was preaching , the
man came to him and started abusing him.
He spoke ill of them and tried to
humiliate them. But the saint remained
calm and composed, as if nothing had
happened.
The man became more angry and shouted, “Can’t you hear my abuses?
I’m abusing you and you’re not saying anything!”
The saint smiled and said in a very calm voice,
“Brother, if you give something to someone and he does not take it,
then who will have that thing?”
The man replied, “If he doesn’t take it, the thing will remain with me.” The saint again said, “In the same way, I am not accepting the abuses you are giving me. That’s why they will remain with you.”
Hearing this the person was stunned. He realized his mistake and asked for forgiveness from the saint.
Education:
This story teaches us that we should not let the insult, anger or hatred of others dominate us. The saint showed that anger should not be answered with anger, but with peace and patience.
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Bahut achhi kahani
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